गुरवो बहव: सन्ति शिष्यवित्तापहारका : |
तमेकं दुर्लभं मन्ये शिष्यह्र्त्तापहारकम् ||
'शिष्यके धनका हरण करनेवाले गुरु तो बहुत है , पर शिष्यके ह्रदयका ताप हरण करनेवाले गुरु दुर्लभ है ।
तमेकं दुर्लभं मन्ये शिष्यह्र्त्तापहारकम् ||
'शिष्यके धनका हरण करनेवाले गुरु तो बहुत है , पर शिष्यके ह्रदयका ताप हरण करनेवाले गुरु दुर्लभ है ।
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