Search This Blog

Friday, March 1, 2013

चाणक्य नीति

चाणक्य नीति 
धनिक : श्रोत्रियो राजा नदी वेद्यस्तु पञ्चम: | पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसं वसेत ||
अर्थात : जहा धनवान ,वेदज्ञ ब्राह्मण , राजा , नदी और वैद्य -- ये पांच न हो वहा एक दिन भी रहना नहीं चाहिए ।