वट विट समीपे भूमि भागे निषण्णं सकल मूनि जनानां ज्ञान दातार मारात /
त्रिभुवन गुरु मीशं दक्षि णा मुर्ति देवं जनन मरण दुख च्छेद दक्षम् नमामि //
जो वाट वृक्ष के समीप भूमि भाग पर स्थित हे , निकट बैठे हुए समस्त मुनि जनों को ज्ञान प्रदान कर रहे हे , जन्म - मरण के दुःख का विनाश करने में दक्ष हे , त्रिभुवन के गुरु और इश हे , उन भगवान दक्षिणा मूर्ति को में नमस्कार करता हु /
त्रिभुवन गुरु मीशं दक्षि णा मुर्ति देवं जनन मरण दुख च्छेद दक्षम् नमामि //
जो वाट वृक्ष के समीप भूमि भाग पर स्थित हे , निकट बैठे हुए समस्त मुनि जनों को ज्ञान प्रदान कर रहे हे , जन्म - मरण के दुःख का विनाश करने में दक्ष हे , त्रिभुवन के गुरु और इश हे , उन भगवान दक्षिणा मूर्ति को में नमस्कार करता हु /