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Tuesday, January 13, 2015

दान की महिमा

[7:11AM, 14/01/2015] Gopal Bhatt: इस साल मकर सक्रांति का वाहन गज (हाथी)है उपवाहन गदर्भ है जिन्हो ने लाल वस्त्र पहने हुए हे इनकी जाती पशु हे गोरोचन का तीलक कीया है  वो बेठी हुइ है दुध पी रही हे बैल्व पुष्प जिन्हो ने धारण कीया है गोमेद इन्का आभुषण है  वार का नाम मंदाकीनी है नक्षत्र का नाम महोदरी है सामुदाय मुहुर्त 30 साम्यार्घ है
            पुर्व मेसे आते  हुवै पश्चीम की ओर जा रही हे  जीस कारण पुर्व ओर वायव्य के लोगो को   सुखाकारी मीले  सक्रांति के  लिए एसा माना जाता है की  जिस जिस चिजो के एवम व्यकित के साथ इन्का  सबंध  होता है वो चीज महेंगी होने के  साथ  इन व्यकित को त्रास  होता है  30 मुहुर्त की सक्रान्ती होने के कारण इस  साल बारीष अच्छा गीरेगा  हाथी गदर्म जेसे पशु मे रोग हो सकता है गेहु के एवम  सिसा के व्यवसाय मै कमी आये तांबा ओर लाल धातु के भाव मे बढोतरी आये पशु ओ की अनेक जाती  लुप्त होती दीखे  इन पशु ओ के लीये सामाजीक जागृती लाना संभव है गौवंश बचाने के  लिए  बचाव अभीयान जरुरी रहेगा वयोवृध्ध वयस्को के लीए अपनी तकेदारी रखना जरुरी रहेगा
इन सक्रान्ती काल मै तील का ज्यादा महत्व होने के कारण खाने मे तील का उपयोग तिल का हवन  तिल का दान तिल मिश्रीत जल का स्नान  तांबै का बर्तन का दान गाय माता को गो ग्रास नया वस्त्र सीजन का फल बैर का दान साबुत हरे मुंग एवम चावल  का दान  ऐवम शिव पुजन और  सुर्य देव को दुध का अर्घ्य पुजन  श्रेष्ठ रहेगा
इस साल सुर्यनारायणदेव मकर राशी मे 14 तारीख को  शाम 7 बजकर26मीनीट को प्रवेश करते है तो
        दान का पुण्यकाल तारीख 15 को सुर्योदय से लेकर   सुर्यास्त तक रहेगा

राशी के अनुसार
        मीथुन कन्या एवम कुंभ राशी के जातक को
         घी,शक्कर  सफेद तल सफेद कापड  एवम चांदी का दान करना
        कर्क वृश्चिक और मीन राशी के जातक को
         काला तिल स्टील का बर्तन ऑर काले वस्त्र की जोडी का दान
        मेष सींह एवम मकर  वाले जातक को
          साबुत गेहु  गुड लाल कापड  तील के साथ तांबे के बर्तन की जोड
         वृषभ धन एवम तुला राशी के जातक को
           चणे की दाल पीला कापड एवम पीतांबर का दान  साथ मे पीतल के थाली कटोरी एवम लोटा के साथ का पद दान  करना श्रेष्ठ रहेगा
सक्रांत काल मे दीया हुआ दान  सर्व श्रेष्ठ माना गया है

नमामी देवी नर्मदे
[7:13AM, 14/01/2015] Gopal Bhatt: दान की महिमा
तपः परं कृतयुगे त्रेतायां ज्ञानमुच्यते।
द्वापरे यज्ञमेवाहुर्दानमेकं कलौ युगे।।
मनुस्मृति(१।८६)-के अनुसार सत्ययुगमें तप, त्रेतामें ज्ञान, द्वापरमें यज्ञकर्म तथा कलियुगमें केवल एक कार्य-दान ही श्रेष्ठ हैं।अतएव कलियुगमें मनुष्य को दान अवश्य करना चाहिए। कलियुगमें दान श्रेष्ठ हैं