पितृ पक्ष में श्राद्ध की महिमा
आयु: पुत्रान् यश: स्वर्ग कीर्ति पुष्टि बलं श्रियम् |
पशुन् सोख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृ पुजनात् ||
तथा
आयु प्रजां धनं वितं स्वर्ग मोक्षं सुखानि च |
प्रयच्छन्ति तथा राज्यं प्रीता नृणां पितामहा :||
धर्मशास्त्रो में कहा गया हे कि पितरों को पिण्डदान करनेवाला गृहस्थ दीर्घायु , पुत्र - पौत्रादी , यश , स्वर्ग , पुष्टि , बल , लक्ष्मी , पशु , सुख - साधन तथा धन - धान्यादि की प्राप्ति करता है । यही नहीं पितरो की कृपा से ही उसे सब प्रकार की समृद्धी सोभाग्य राज्य तथा मोक्ष की प्राप्ति होती हे भाद्रपद कृष्ण पक्ष (आश्विन कृष्ण पक्ष ) पितृ पक्ष में पितरो को आशा लगी रहती हे की हमारे पुत्र - पौत्रादी हमें पिण्ड दान तथा तिलांन्जली प्रदान कर संतुष्ट करेंगे । यही आशा लेकर वे पितृलोक से पृथ्वी लोक पर आते हे पितृ पक्ष पितरो के लिये पर्व का समय हे अत एव इस पक्ष में श्राद्ध किया जाता हे १९ /९ /२०१३ से ४/१०/२०१३ तक
आयु: पुत्रान् यश: स्वर्ग कीर्ति पुष्टि बलं श्रियम् |
पशुन् सोख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृ पुजनात् ||
तथा
आयु प्रजां धनं वितं स्वर्ग मोक्षं सुखानि च |
प्रयच्छन्ति तथा राज्यं प्रीता नृणां पितामहा :||
धर्मशास्त्रो में कहा गया हे कि पितरों को पिण्डदान करनेवाला गृहस्थ दीर्घायु , पुत्र - पौत्रादी , यश , स्वर्ग , पुष्टि , बल , लक्ष्मी , पशु , सुख - साधन तथा धन - धान्यादि की प्राप्ति करता है । यही नहीं पितरो की कृपा से ही उसे सब प्रकार की समृद्धी सोभाग्य राज्य तथा मोक्ष की प्राप्ति होती हे भाद्रपद कृष्ण पक्ष (आश्विन कृष्ण पक्ष ) पितृ पक्ष में पितरो को आशा लगी रहती हे की हमारे पुत्र - पौत्रादी हमें पिण्ड दान तथा तिलांन्जली प्रदान कर संतुष्ट करेंगे । यही आशा लेकर वे पितृलोक से पृथ्वी लोक पर आते हे पितृ पक्ष पितरो के लिये पर्व का समय हे अत एव इस पक्ष में श्राद्ध किया जाता हे १९ /९ /२०१३ से ४/१०/२०१३ तक