यह कार्त्विर्यार्जुन भूमंडल पर सुदर्शन चक्र का अवतार माना जाता हे इनके मंत्र का जाप या स्मरण करने से गई हुई चीजे पुनः प्राप्त होती हे मंत्र इस प्रकार हे
"कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहू सहस्त्रवान |
तस्य संस्मरणादेव हृतं नष्टं च लभ्यते ||
अनुष्टुप मंत्र : कार्ताविर्यर्जुन पद के बाद नाम राजा कह कर बाहूसहस्त्र तथा वान कहना चाहिए | फिर तस्य सं स्मरणादेव तथा हृत नष्टं च कहकर लभ्यते बोलना चाहिए
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