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Thursday, May 19, 2011

गणपति स्तुति (तुलसीदासकृत )


गाइये गनपति जगबंदन ।

संकर-सुवन भवानी नंदन ॥ १ ॥

सिद्धि-सदन, गज बदन, बिनायक ।

कृपा-सिंधु,सुंदर सब-लायक ॥ २ ॥

मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता ।

बिद्या-बारिधि,बुद्धि बिधाता ॥ ३ ॥

माँगत तुलसिदास कर जोरे ।

बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥ ४ ॥

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