All kinds of Rites ( Pujas ) & Astrology Work. Time :(tue-Sat)Evening 6.00 to 10.00 PM. Add: 394, Anand Nagar, Karelibaug,Vadodara-18. Phone : 0265-2492559 Cell: +91-9824429520.email ID:bhatt2172@gmail.com
Search This Blog
Wednesday, May 4, 2011
भगवान शंकराचार्य
दिनाक : ८ /५/२०११ जगदगुरु शंकराचार्य जयंती केरल प्रदेश के पूर्णा नदी के तटवर्ती कलादी नामक गाँव में बड़े विद्वान और धर्मिष्ठ ब्राह्मण श्री शिवगुरु की धर्मं पत्नी श्री सुभद्रामाता के गर्भ से वैशाख शुक्ल पंचमी के दिन इन्होने जन्म ग्रहण किया था | इनके जन्म के पूर्व वृद्धावस्था निकट आ जाने पर भी इनके माता पिता संतान हीन ही थे | अत: उन्हों ने बड़ी श्रद्धा-भक्ति से भगवान शंकर की आराधना की | उनकी सच्ची और आंतरिक आराधना से प्रसन्न होकर आशुतोष देवाधीदेव भगवान शंकर प्रकट हुए और उन्हें एक सर्वगुण सम्पन्न पुत्र रत्न होने का वरदान दिया | इसी के फल स्वरुप न केवल एक सर्वगुण सम्पन्न पुत्र ही , बल्कि स्वयं भगवान शंकरको ही इन्हों ने पुत्र रूप में प्राप्त किया |नाम भी उनका शंकर ही रक्खा गया | भगवान शंकराचार्य के बारे में कुछ एसा कहा गया हे शंकरं शंकराचार्य केशवं बादरायणम | सूत्र भाष्य कृतो वन्दे भगवन्तो पुनः पुनः || अर्थात : शंकराचार्य जो स्वयं (साक्षात् ) भगवान शंकर हे और बादरायण जो स्वयं (साक्षात् ) केशव (विष्णु ) हे और ब्रहम सूत्र और उसके भाष्य के रचियता वेदव्यास भगवान और शंकराचार्य को बारम बार वंदन प्रणाम करते हे श्रुति स्मृति पुराणानां अलायं करुणालयम | नमामि भगवत्पादम शंकरं लोक शंकरं || अर्थात : श्रुति स्मृति पुराण का आश्रय , तथा करुणा के महा सागर आचार्य शंकर भगवत्पाद जो समस्त लोगो का कल्याण शुभ करने वाले हे में उनको नमस्कार करता हु
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment